आजादी के दौरान या इसके आसपास के समय में तो भारत में साइकिल खरीदना भी आम आदमी के लिए एक सपना था, लेकिन भारत के अग्रणी उद् यमी रतन टाटा ने 1 लाख की 'नैनो कार' बनाकर भारतीय बाजार में न सिर्फ क्रांति ला दी बल्कि भारतीय मध्यमवर्गीय लोगों के सपनों को भी पूरा किया।